जेवर एयरपोर्ट के लिए रिलांयस, अडाणी जैसी कंपनियों ने लगाई बोली
- 2023 तक जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण हो जाएगा पूरा
- एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा व मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के विकास के लिए 19 कंपनियों ने बोली लगाई है। यह तकनीकी बोली 6 नवंबर को खुलेगी। प्रवक्ता के मुताबिक, हवाई अड्डे का विकास कार्य 2020 में शुरू होने की उम्मीद है और 2023 तक पहला चरण पूरा हो जाएगा।
2023 तक जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण हो जाएगा पूरा
बोली लगाने वालों में जीएमआर, रिलायंस, अडाणी जैसी कंपनियां शामिल है। कैबिनेट ने नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए चयनित सलाहकार प्राइस वॉटर कूपर्स द्वारा तैयार बिड डॉक्यूमेंट में संशोधन की मंजूरी दी है।
एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है
इस एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट से नोएडा की दूरी करीब 56 किलोमीटर है। जेवर एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता करीब 50 लाख होगी जबकि पूर्ण रुप से अगले 30 सालों में विस्तार के बाद इसकी यात्री क्षमता करीब 6 करोड़ सालाना होगी। जेवर एयरपोर्ट की दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूरी करीब 72 किलोमीटर है। यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए जेवर एयरपोर्ट देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ेगा।
Courtesy:- https://money.bhaskar.com/news/MON-ECN-INFR-gmr-adani-17-others-show-interest-for-jewar-airport-125774827.html
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