Jewar International Airport : Electricity will be available from Jahangirpur sub station
नियाल ने पत्र भेजकर विकासकर्ता कंपनी से पूछी एयरपोर्ट की बिजली जरूरत
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जहांगीरपुर सब स्टेशन से बिजली की आपूर्ति होगी। एयरपोर्ट के निर्माण एवं संचालन के लिए बिजली की मांग का आकलन करने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (नियाल) की ओर से विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को पत्र भेजा गया है। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) के अधिकारियों के साथ दोनों कंपनियों के अधिकारियों की एक बैठक हो चुकी है।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का समय नजदीक आता जा रहा है। विकासकर्ता कंपनी मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने में जुटी है। इसके साथ ही एयरपोर्ट निर्माण के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं को उपलब्ध कराने को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है।
एयरपोर्ट के लिए जिले में मौजूदा बिजली ढांचे से ही आपूर्ति की जाएगी। जहांगीरपुर में 765 केवी का सब स्टेशन है। इससे एयरपोर्ट तक सीधे बिजली लाइन बिछाई जाएगी। नियाल की ओर से विकासकर्ता कंपनी को पत्र भेजकर पूछा गया है कि एयरपोर्ट के निर्माण कार्य एवं संचालन शुरू होने पर उसे कितनी बिजली की जरूरत होगी। कंपनी की ओर से जवाब आने पर बिजली लाइन एवं सब स्टेशन आदि को लेकर योजना तैयार की जाएगी। पूर्व में हुई बैठक में ट्रांसमिशन कारपोरेशन के अधिकारियों ने दावा किया है कि जेवर एयरपोर्ट की जरूरत पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त बिजली उपलब्ध है। जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होगा। हालांकि एक रनवे के साथ एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ान शुरू हो जाएंगी। इसके मद्देनजर बिजली की उपलब्धता का अनुमान लगाया जाएगा। एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत हो चुकी है। इसमें रनवे के अलावा टर्मिनल बिलिं्डग, एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टॉवर का निर्माण होना है।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने से पहले ही इसके खाते में उपलब्धि दर्ज होना शुरू हो गया है। जेवर एयरपोर्ट को सौ ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की सूची में शामिल किया गया है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों को मार्च में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में होने वाले सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है।
जेवर एयरपोर्ट को भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होगा। इसके लिए विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी का चयन हो चुका है। सीजीएलए इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2020 के सौ रणनीतिक ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में जेवर एयरपोर्ट को जगह दी है। इस सूची में जगह बनाने वाला भारत से जेवर एयरपोर्ट इकलौता प्रोजेक्ट है। सीजीएलए इंफ्रास्ट्रक्चर के सीईओ नॉरमन एडरसन ने एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को न्यूयॉर्क में 25 से 27 मार्च तक होने वाले 13वें ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर लीडरशिप फोरम में आमंत्रित किया है। इसमें अधिकारियों को जेवर एयरपोर्ट के प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम में दुनिया भर से दिग्गज जुटेंगे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का ऐसा एयरपोर्ट है, जिससे सरकार को सबसे अधिक राजस्व मिलेगा। एयरपोर्ट से सरकार को 400.97 रुपये प्रति यात्री का राजस्व मिलेगा। वहीं, एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। विकासकर्ता कंपनी व उसकी एसपीवी कंपनी सिक्योरिटी क्लीयरेंस के लिए भारत सरकार में आवेदन कर चुकी है। मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। जल्द ही एयरपोर्ट का शिलान्यास होने की संभावना है।
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