18 माह में जुड़ जाएंगे ईस्टर्न पेरीफेरल व यमुना एक्सप्रेस-वे

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ग्रेटर नोएडा: ईस्टर्न पेरीफेरल व यमुना एक्सप्रेस-वे 18 माह में एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। दोनों एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए बनने वाले इंटरचेंज की निर्माण कंपनी का चयन हो गया है। दिल्ली की देव एस कंपनी इंटरचेंज का निर्माण करेगी। इसके बनने के बाद वाहन ग्रेटर नोएडा शहर में प्रवेश किए बगैर ईस्टर्न पेरीफेरल व यमुना एक्सप्रेस-वे पर आ जा सकेंगे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आइजीआइ एयरपोर्ट (इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट) से कनेक्टिविटी का एक विकल्प भी मिल जाएगा।

ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबा यमुना एक्सप्रेस-वे व सोनीपत से पलवल के बीच बना ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे एक दूसरे को ग्रेटर नोएडा में क्रास करते हैं। लेकिन दोनों एक्सप्रेस-वे आपस में जुड़े न होने से वाहन चालकों को असुविधा होती है। पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर आने जाने वाले वाहन सिरसा के निकट उतर कर ग्रेटर नोएडा शहर में होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पर जीरो प्वाइंट से चढ़ते उतरते हैं। इसमें समय व ईंधन की बर्बादी के साथ जाम का भी सामना करना पड़ता है। ईस्टर्न पेरीफेरल के निर्माण से ही दोनों एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने की मांग हो रही थी। लेकिन एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए बनने वाले इंटरचेंज को लेकर यमुना प्राधिकरण व एनएचएआइ में तालमेल न होने से मामला फंस गया था।

जेवर एयरपोर्ट की आइजीआइ से कनेक्टिविटी का मिलेगा विकल्प

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आइजीआइ एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए विभिन्न विकल्प तलाशे जा रहे हैं। दोनों एक्सप्रेस-वे के जुड़ने से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी का रास्ता भी तैयार हो जाएगा। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पलवल में वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से मिलता है। इसलिए जेवर एयरपोर्ट से यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते आने जाने वाले वाहन ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से होते हुए आइजीआइ एयरपोर्ट तक पहुंचेंगे। इसके लिए रोड से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही जयपुर हाईवे से भी क्षेत्र की कनेक्टिविटी हो जाएगी। गुरुग्राम, मानेसर आने जाने के लिए भी दिल्ली में प्रवेश की जरूरत समाप्त हो जाएगी।

एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी ने राह की आसान

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी की जरूरत ने दोनों एक्सप्रेस-वे को जोड़ने का रास्ता तैयार किया है। यमुना प्राधिकरण इंटरचेंज का निर्माण करा रहा है। इसकी डिजाइन व लागत एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया) वहन करेगी। प्राधिकरण ने इंटरचेंज निर्माण के लिए देव एस कंपनी का चयन कर लिया है।

75 करोड़ होंगे खर्च

इंटरचेंज के निर्माण पर करीब 75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 54 हेक्टेयर जमीन पहले ही ली जा चुकी है। इंटरचेंज में दो उतार व दो चढ़ाव मार्ग बनाए जाएंगे। इनके जरिये वाहन एक दूसरे एक्सप्रेस-वे पर आ जा सकेंगे। इंटरचेंज का निर्माण यमुना एक्सप्रेस-वे के जीरो से 9.1 किमी पर होगा। निर्माण कार्य 18 माह में पूरा होगा। सितंबर मध्य से कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

Courtesy:- https://epaper.jagran.com/epaper/edition-today-241-noida.html

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