22 जिलों की अर्थव्यवस्था को गति देगा जेवर एयरपोर्ट



ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसकी बागडोर अगले चालीस सालों तक ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के हाथों में होगी। शुक्रवार को खोली गई फाइनेंशियल बिड में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने सभी प्रतिस्पर्धियों को काफी पीछे छोड़ दिया। करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले जेवर एयरपोर्ट पर हवाई सेवाओं का संचालन 2023-24 से शुरू होगा। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली सभी विमान कंपनियों की सेवाएं जेवर एयरपोर्ट से भी उपलब्ध होंगी। जेवर एयरपोर्ट का सीमावर्ती राज्यों के 22 जिलों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने का अनुमान है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बन रहे पहले इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पांच हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। देश में अन्य किसी एयरपोर्ट के लिए इतनी अधिक जमीन उपलब्ध नहीं है। एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं के साथ साथ हवाई जहाजों के खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह होगी। प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट को देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने पर सहमति दे चुकी है। हालांकि एयरपोर्ट का पहला चरण दो रनवे के साथ शुरू होगा। इसको पूरा करने में 4588 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। शुरुआत में सालाना एक करोड़ बीस लाख यात्री जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का उपयोग करेंगे। यात्री संख्या तीन करोड़ होने पर दूसरा चरण शुरू होगा। पांच करोड़ यात्री सालाना होने पर तीसरा व सात करोड़ सालाना यात्री होने पर चौथा चरण का काम होगा। तब तक एयरपोर्ट की कुल लागत 29560 करोड़ होने का अनुमान है।

छह रनवे का होगा जेवर एयरपोर्ट : जेवर एयरपोर्ट का विस्तार छह रनवे तक होगा। जैसे-जैसे एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। रनवे की संख्या बढ़ाने का कार्य शुरू होगा। प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट को छह रनवे तक बनाने पर पहले ही सहमति दे चुकी है। इसके बाद एयरपोर्ट पर छह रनवे की स्टडी की जिम्मेदारी प्राइस वाटर हाउस कूपर को सौंपी जा चुकी है।

सभी देशों के लिए मिलेंगी हवाई सेवाएं : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरह सभी देशों के लिए हवाई सेवाएं मिलेंगी। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के रूप में माना है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं के संचालन के लिए हुए दो पक्षीय समझौते जेवर एयरपोर्ट के लिए भी लागू होंगे।

रोजगार की दृष्टि से अहम है जेवर एयरपोर्ट : जेवर एयरपोर्ट से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड के करीब 22 जिलों अर्थव्यवस्था पर जेवर एयरपोर्ट का सीधा असर पड़ने का अनुमान है। एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी देने के लिए इन इलाकों में सड़क, परिवहन जैसे ढांचे का भी जबरदस्त विकास होगा।

एमआरओ का केंद्र होगा जेवर एयरपोर्ट : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की मेंटीनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग (एमआरओ) की सुविधा होगी। एयरपोर्ट के लिए जारी बिड में यह शर्त शामिल है। जेवर एयरपोर्ट के साथ साथ देश के अन्य हवाई अड्डों पर आने वाले हवाई जहाजों के लिए भी जेवर एयरपोर्ट एमआरओ का केंद्र बनेगा। देश में एमआरओ की सुविधा केवल नागपुर में छोटे स्तर पर उपलब्ध है।

Courtesy:- Courtesy:- https://epaper.jagran.com/epaper/30-nov-2019-241-noida-edition-noida-page-22.html

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