एयरपोर्ट प्रभावितों के लिए बनेगा स्मार्ट विलेज



ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभावित ग्रामीण का जेवर बांगर में पुनव्र्यवस्थापन किया जाएगा। इसके लिए 48 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। ग्रामीणों को जिस जगह पर बसाया जाएगा, उसे स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। शहर की सभी सुविधाएं वहां उपलब्ध होंगी। इसे विकसित करने की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण को सौंपने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) के लिए छह गांव रोही, बनबारीवास, दयानतपुर, किशोरपुर, पारोही, रन्हेरा की 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जमीन अधिग्रहण के साथ ही तीन गांवों के 36 सौ परिवार एयरपोर्ट से प्रभावित हुए हैं। इन परिवारों को जेवर बांगर में बसाने की योजना है। इसके लिए जिला प्रशासन जेवर बांगर की 48 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर रहा है। सोशल इंपेक्ट एसेसमेंट एसआइए रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जा चुका है। लेकिन जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण की तरह इस बार ग्रामीणों की आपत्ति नहीं ली जाएगी। सीधे जमीन अधिग्रहण व मुआवजा कार्य होगा।

जेवर बांगर में जहां प्रभावित परिवारों को बसाया जाएगा, उसे स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। वहां आप्टीकल फाइबर, सीवर, पेयजल पाइप लाइन, खेल का मैदान, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, जनसुविधा केंद्र, ड्रेन, सड़क जैसी ढांचागत सुविधाएं होंगी। इसे विकसित करने में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है कि यमुना प्राधिकरण को ढांचागत विकास की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। विभागीय बजट से वहां कार्य कराए जाएंगे। जो कार्य अवशेष बचेंगे, उन्हें यमुना प्राधिकरण अपने बजट से कराएगा। जमीन का अधिग्रहण होने व प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाले भूखंडों का लेआउट प्लान तैयार होते ही विकास कार्य शुरू हो जाएंगे।

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