जमीन अधिग्रहण पर किसानों की सहमति नहीं लेगा प्रशासन
आपत्तियों का होगा निस्तारण, एयरपोर्ट से प्रभावित परिवारों का होना है पुनर्वास
ग्रेटर नोएडा: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभावित परिवारों का पुनर्वास जेवर बांगर गांव में होगा। जमीन अधिग्रहण पर इस बार किसानों की सहमति नहीं ली जाएगी। किसानों की आपत्ति दर्ज कर उसका निस्तारण होगा और जमीन अधिग्रहण का कार्य आगे बढ़ जाएगा। जमीन अधिग्रहण के लिए अभी इलाके के किसानों पर इसके प्रभाव के आकलन के लिए एसआइए रिपोर्ट तैयरा की जा रही है।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए छह गांव दयानतपुर, रन्हेरा, किशोरपुर, रोही, पारोही व बनबारीवास की जमीन अधिगृहीत की गई है। इन गांवों के करीब 37 सौ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें एयरपोर्ट के कारण दूसरी जगह बसाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने जेवर बांगर गांव के समीप जमीन चिह्नित की है। परिवारों के पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन जेवर बांगर गांव में करीब 46 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगा। फिलहाल इस जमीन के प्रभावित किसानों पर अधिग्रहण के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। गौतमबुद्ध विश्व विद्यालय सोशल इंपेक्ट एसेसमेंट एसआइए रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यह रिपोर्ट दिसंबर तक तैयार हो जाएगी। विशेषज्ञों के सुझाव के बाद इस रिपोर्ट को शासन को भेजा जाएगा। शासन अगर रिपोर्ट मंजूर कर लेता है तो जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। लेकिन इस बार किसानों की सहमति नहीं ली जाएगी। जबकि जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण के लिए सत्तर फीसद किसानों की सहमति लिखित रूप से ली गई थी। जिला प्रशासन का कहना है कि पुनर्वास विषय अति आवश्यक श्रेणी में आता है, इसलिए किसानों की सहमति की जरूरत नहीं है। जिला प्रशासन जेवर बांगर में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की खुली बैठक कर आपत्ति लेकर उसका निस्तारण करेगा। इसके बाद मुआवजा वितरण और जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
अधिग्रहण के बाद यहां पर ढांचागत विकास मसलन सड़क, सीवर लाइन, पेयजल पाइप लाइन, बिजली, स्कूल, सामुदायिक भवन समेत अन्य सुविधा विकसित होंगी और एयरपोर्ट प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा।
एक परिवार को मौजूदा भवन का पचास फीसद का भूखंड मिलेगा
जेवर एयरपोर्ट के लिए जिन ग्रामीणों के भवन आदि का अधिग्रहण किया जा रहा हैं, उसके एवज में उनका जेवर बांगर में पुनर्वास होगा। अधिग्रहण की तय शर्त के तहत गांव में ग्रामीणों के मौजूदा निर्माण (भवन) के सापेक्ष पचास फीसद का भूखंड दिया जाएगा। इसके साथ ही संपत्ति का मुआवजा दिया जाएगा।
Courtesy:- https://epaper.jagran.com/epaper/18-nov-2019-241-noida-edition-noida-page-19.html#
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