जेवर एयरपोर्ट के साथ किसानों का भी होगा विकास: डा. अरुणवीर सिंह



जेवर एयरपोर्ट की बिड प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, शिलान्यास कब तक ?

देखिये, जेवर एयरपोर्ट के विकासकर्ता का चयन हो चुका है। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने सबसे अधिक बोली लगाकर बिड जीती है। कंपनी को कंडीशनल लेटर ऑफ अवार्ड जारी कर दिया गया है। लेकिन अभी कुछ औपचारिकताएं हैं, जो पूरी होनी जरूरी हैं। ज्यूरिख एयरपोर्ट कंपनी जेवर एयरपोर्ट के लिए भारत में एक कंपनी का गठन कर उसे पंजीकृत कराएगी। उसे सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना होगा। इसमें कुछ समय लगेगा। जहां तक एयरपोर्ट के शिलान्यास का सवाल है, यह मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार तय करेगी। 2023-24 में व्यवसायिक उड़ान शुरू करने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी (नियाल) एयरपोर्ट का समयबद्ध निर्माण सुनिश्चित करेगी।


जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो से जोड़ने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं?

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी सबसे अहम है। एयरपोर्ट पहुंचना जितना आसान व आरामदेह होगा, एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या उतनी ही अधिक होगी। इसलिए एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के विभिन्न विकल्पों पर काम हो रहा है। मेट्रो भी एक विकल्प है। इसके लिए राइट्स से रिपोर्ट तैयार कराई गई है। राइट्स ने आइजीआइ एयरपोर्ट दिल्ली को जेवर एयरपोर्ट से मेट्रो से जोड़ने के लिए रूट सुझाए हैं। बोर्ड बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है। मेट्रो का फं¨डग पैटर्न तय करने के लिए प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। प्रदेश सरकार जो फैसला करेगी, उसी के अनुरूप कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। यह तय है कि जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट का लाभ यमुना प्राधिकरण को कैसे मिलेगा, शहर के विकास के लिए आगे क्या योजना है?

देखिये, जेवर एयरपोर्ट का लाभ सबसे अधिक यमुना प्राधिकरण को ही मिलेगा। एयरपोर्ट के आस पास प्राधिकरण के इलाके की सूरत तो बदलेगी ही, साथ ही स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो जाएगी। जहां तक आस पास के क्षेत्र के विकास की बात है तो प्राधिकरण इसकी योजना तैयार करा रहा है। एयरपोर्ट का विकासकर्ता साठ एकड़ में एयरोसिटी विकसित करेगा। इसमें कामर्शियल की गतिविधियां होंगी। प्राधिकरण एयरो सिटी के बाहर डेढ़ से दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नए शहर की योजना तैयार कर रहा है। यह शहर पूरी तरह से आधुनिक ढांचे के अनुरूप विकसित होगा। यहां बायोडायर्विसिटी पार्क, गोल्फ कोर्स, कामर्शियल कांप्लेक्स, आवासीय इलाके होंगे। मनोरंजन की गतिविधियां होंगी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडी विकसित करने की योजना है। इससे इलाके के किसानों की अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच होगी। इसमें भंडारण, पैकेजिंग, विपणन आदि की गतिविधियों के लिए सुविधा होगी।

जेवर एयरपोर्ट के लिए किसानों ने अपनी जमीनें दी हैं, उन्हें क्या फायदा होगा?

देखिये, मैंने पहले ही कहा कि एयरपोर्ट के लिए अगर किसी ने सबसे अधिक सहयोग दिया है तो वह किसान हैं, जिन्होंने अपनी जमीनें एयरपोर्ट के लिए दी हैं। इसलिए एयरपोर्ट के आस पास विकसित होने वाले शहर में किसानों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसी लिए मंडी की योजना तैयार की गई है। जिससे किसानों को सबसे अधिक मुनाफा होगा।

विकसित शहर के साथ गांवों के विकास की क्या योजना है?

प्राधिकरण की पूरी कोशिश है कि जिन गांवों की जमीन पर शहर विकसित किया जा रहा है, वह गांव विकास में पीछे न छूटें। जेवर एयरपोर्ट के गांव समेत 96 गांव प्राधिकरण के शहरी क्षेत्र में अधिसूचित हो चुके हैं। इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की योजना तैयार हो चुकी है। पहले चरण में दस गांवों का विकास होगा। पांच गांवों के लिए टेंडर भी हो चुके हैं। गांव में सीवर, सड़क, एलईडी लाइट, इंटरनेट, जनसुविधा केंद्र विकसित होंगे। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। सेक्टरों की तर्ज पर गांवों को विकसित किया जाएगा। एक गांव के विकास पर दस से बाहर करोड़ खर्च होंगे। मार्च तक दस गांवों के विकास का लक्ष्य है।

प्राधिकरण आवंटियों को भूखंडों पर कब्जा दे रहा है, लेकिन मौके पर ढांचागत विकास पूरा नहीं है?

देखिये, यह सही है कि कुछ कार्य अभी पूरे नहीं है। जिन्हें प्राधिकरण तेजी से पूरा कराने का प्रयास कर रहा है। जून तक कार्यों को पूरा कर दिया जाएगा। जहां तक भूखंडों पर कब्जा देने की बात है, प्राधिकरण 8920 आवंटियों को लीजडीड के लिए चैकलिस्ट जारी कर चुका है। दो हजार ने लीज डीड भी करा ली है। करीब तीन हजार भूखंड अभी कानूनी पेंच में फंसे हैं। जून तक आठ हजार आवंटियों को चैकलिस्ट और जारी हो जाएगी।

यमुना प्राधिकरण के कई घोटालों की जांच की गई थी, कार्रवाई केवल मथुरा जमीन घोटाले में हुई?

देखिये, मथुरा जमीन घोटाले के अलावा हाथरस जमीन घोटाले में भी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। सीएजी ने भी ऑडिट किया है। सीएजी प्रत्यावेदन दाखिल करेगी। आगे की कार्रवाई सरकार के स्तर से होगी। प्राधिकरण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए कार्य प्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है। कार्यालय को पेपरलैस करने का कार्य चल रहा है।

Courtesy:- https://epaper.jagran.com/epaper/23-dec-2019-241-noida-edition-noida-page-21.html

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